17 लाख बेघर लोग : भाग (6) और अंतिम भाग (7)
कहां से : कश्मीर घाटी कौन : कश्मीरी पंडित कब से : 1989 कितने : तकरीबन 3,00,000 हालिया केंद्र सरकार की बातों के बीच आधिकारिक रूप से राज्य सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में लौटने के लिए कहती रही है, लेकिन क्या वहां का बहुसंख्यक समाज इस समुदाय को अपनाने के लिए तैयार हैं ? कश्मीर घाटी में हम पंडितों की वापसी का स्वागत करते हैं। इसमें हमारी तरफ से कोई रुकावट नहीं है-सैयद अली शाह गिलानी। कहने को तो बदजुबानी करने वाला ये शख्स भी यही कहता है। लेकिन हकीकत की जमीन यह नही कहती। घाटी से कश्मीरी पंडितों को विस्थापित हुए 23 साल हो गए। पंडितों की एक नई पीढ़ी सामने है और सामने है यह प्रश्न भी कि क्या कभी ये लोग वापस अपने घर कश्मीर जा पाएंगे।14 सितंबर, 1989 को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष टिक्कू लाल टपलू की हत्या से कश्मीर में शुरू हुआ आतंक का दौर समय के साथ और वीभत्स होता चला गया। टिक्कू की हत्या के महीने भर बाद ही जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता मकबूल बट को मौत की सजा सुनाने वाले सेवानिवृत्त सत्र न्यायाधीश नीलकंठ गंजू की हत्या कर दी गई। फिर 13 फरवरी 90 को श्रीनगर के टेलीविज