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Showing posts from September, 2017

स्वतंत्रता के बाद कला संस्कृति में वैचारिक पक्षपात एवं मोदी सरकार में पारदर्शिता :

समृद्ध संस्कृति, कला और विरासत की भूमि है भारत जहाँ लोगों में इंसानियत, उदारता, एकता, धर्मनिर्पेक्षता, मजबूत सामाजिक संबंध और दूसरे अच्छे गुण हैं। दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा ढ़ेर सारी क्रोधी क्रियाओं के बावजूद भी भारतीय हमेशा अपने दयालु और सौम्य व्यवहार के लिये जाने जाते हैं। अपने सिद्धांतों और विचारों में बिना किसी बदलाव के अपनी सेवा-भाव और शांत स्वाभाव के लिये भारतीयों की हमेशा तारीफ होती है। भारतीय संस्कृति की विशेषताओं पर बिन्दुवार कुछ बातें देखी जा सकती हैं। प्राचीनता - भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाये गये शैलचित्र, नर्मदा घाटी में की गई खुदाई तथा कुछ अन्य नृवंशीय एवं पुरातत्त्वीय प्रमाणों से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत भूमि आदि मानव की प्राचीनतम कर्मभूमि रही है। सिन्धु घाटी की सभ्यता के विवरणों से भी प्रमाणित होता है कि आज से लगभग पाँच हज़ार वर्ष पहले उत्तरी भारत के बहुत बड़े भाग में एक उच्च कोटि की संस्कृति का विकास हो चुका था। इसी प्रकार वेदों में परिलक्षित भारतीय संस्कृति न केवल प्राचीनता का प्रमाण है

आर्टिकल 35A और संविधान की किताब :

जिस अनुच्छेद 35A (कैपिटल ए) का जिक्र आजकल जम्मू-कश्मीर पर विमर्शों के दौरान हो रहा हैं, वह संविधान की किसी भी किताब में नहीं मिलता। जिस आर्टिकल की वजह से जम्मू-कश्मीर में लोग भारत का प्रधानमंत्री तो बन सकते हैं, लेकिन जिस राज्य में ये कई सालों से रह रहे हैं वहां के ग्राम प्रधान भी नहीं बन सकते : वह भारतीय संविधान का हिस्सा नहीं ? जिस 35A की वजह से लोग लोकसभा के चुनावों में तो वोट डाल सकते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर में पंचायत से लेकर विधान सभा तक किसी भी चुनाव में इन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं : वह 35A भारत के संविधान में कैसे नहीं ? हालांकि संविधान में अनुच्छेद 35a (स्मॉल ए) जरूर है, लेकिन इसका जम्मू-कश्मीर से कोई सीधा संबंध नहीं है।   इसका क्या मतलब ! क्या आर्टिकल 35A (कैपिटल) का वजूद नहीं ? क्या यह कोई संवैधानिक फरेब है ? भारतीय संविधान में आज तक जितने भी संशोधन हुए हैं, सबका जिक्र संविधान की किताबों में होता है। लेकिन 35A कहीं भी नज़र नहीं आता। दरअसल इसे संविधान के मुख्य भाग में नहीं बल्कि परिशिष्ट (अपेंडिक्स) में शामिल किया गया है। यह चालाकी इसलिए की गई ता