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Showing posts from January, 2016

विभेद का निवारण..

अल्पंसख्यकों के प्रति विभेद का निवारण और उनके संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के उप आयोग का संकल्प: 1950 है कि- ‘अल्पसंख्यकों को रक्षोपाय देने का एकमात्र उद्देश्य यह था कि जो बहुसंख्यक समुदाय  प्रतिनिधि लोकतन्त्र प्रणाली के अधीन देश का प्रशासन कर रहा है, वह उनके साथ विभेद न करे। किन्तु इसमें शर्त यह है कि अल्पसंख्यक उस राष्ट्र के प्रति निष्ठावान बने रहें जिसके वे राष्ट्रिक हैं और अपनी स्थिति का लाभ उठाकर राज्य के भीतर राज्य न बनाएं।’ हमारे देश में संविधान निर्माताओं का भी यही उद्देश्य था। हर अल्पसंख्यक समुदाय (वास्तव में तो भारत में कोई अल्पसंख्यक है ही नहीं क्यों की हम धार्मिक आधार पर उपजे देश हैं ही नहीं) को अपने सम्प्रदाय, मत, पन्थ की स्वतन्त्रता को हर परिस्थिति में सुरक्षित रखने की गारण्टी देने का प्रयास हमारे संविधान निर्माताओं ने किया, हम ये मान लेते हैं। किन्तु इसी प्रयास का उचित / अनुचित लाभ हमेशा उठाये जाने का काम होता रहा है। हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं ने कहीं भी द्विराष्ट्रवाद यहाँ तक कि दोहरी नागरिकता की भी की वकालत नहीं की। किन्तु संविधान

आईने थप्पड़ भी मारते हैं..

पड़ोस के बांग्लादेशी मजहबी दंगों की बुनियाद पर तस्लीमा नसरीन के उपन्यास 'लज्जा' के हालात और उसके किरदारों.. सुरंजन, माया.. उनके माँ-बाप किरणमयी और सुधामय। सुरंजन की प्रेमिका परवीना, उसका दोस्त हैदर, मुस्लिम वेश्या शमीमा और दस साला छोटी लड़की मादल। वो उम्र में बड़ी और हिन्दू होने के नाते माया का बलात्कार और उम्र के चलते मादल का बच जाना। वो सड़कों पर उन्मादी हूजूम, हत्या, दंगे, आगजनी और बलबा....! उपन्यास के किरदार.. ये वही सुधामय थे जिन्होंने चौंसठ में अयूबशाही के विरूद्ध नारा लगाया था "पूर्वी पाकिस्तान डटकर खड़े होओ।" लेकिन बदले में देश से उन्हें क्या मिला? किरणमयी ने पचहत्तर के बाद सिंदूर लगाना छोड़ दिया तथा सुधामय ने धोती पहनना छोड़ दिया। सब कुछ मौजूद हो सकता है आपके अपने बंगाल के सीमांत जिले मालदा में जहाँ रिहाइश के मुताबिक हिन्दू आबादी संख्या में कम है। कल मालदा की घटना.. सड़कों पर लाखों की उन्मादी भीड़, आगजनी, हिंसा, हत्या.. एक नजीर हो सकती है कि अगर जमीन पर हालात मुनाफिक हों तो बजह-बेवजह.. लज्जा जैसे उपन्यासों को लिखने की स्याही देश के सूबे बंगाल में भी पैदा